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Showing posts from October, 2017

ये हमारा ताज 👑 है...

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दुनिया के सात अजूबो में हमारे देश की एक धरोहर शामिल है जिस पर हमे गर्व होना चाहिए।लेकिन न जाने क्यों लोग उस धरोहर पर कीचड़ उछाल रहे है।कुछ दिनों से ताजमहल का नाम राजनेतओं से लेकर आम आदमी तक की जुबां पर है।दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल विवादों में उलझा हुआ है।इसकी शुरुआत भाजपा विधायक संगीत सोम ने अपने बेतुके बयान से की थी।उनके द्वारा दिए गए इस बयान के बाद से राजनीती से लेकर मीडिया तक तहलका मच गया।इनका समर्थन करने वाले देशभक्ति की आड़ में हिंदुत्व का डंका बजाने लगे और विरोध करने वाले गला फाड़ फाड़ कर देश की धरोहर की खूबियां बताने लगे।वही कुछ लोग ऐसे भी है जो ताजमहल में घुसकर शिव चालीसा का पाठ करने लगे।क्या इनसे कोई पूछेगा की ये साबित क्या करना चाहते है?कही ऐसा न हो की दुनिया के सात अजूबो में से ताजमहल को हटा कर इन लोगो का नाम जोड़ दिया जाए।यहाँ रोज के विवाद और बयानों की बौछारे हो रही थी कि खबर आई उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताजमहल जाएंगे और वहां झाड़ू भी लगायेगे।ये बात तो समझ से बाहर है की ये राजनेता लोग हमेशा सड़को पर झाड़ू लगाने क्यों आ जाते है।आये दिन अख़बार इन खबरों से भरा रहता

ये है भारत के अन्नदाता के हालात

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भारत के विभिन्न राज्यो में किसान आंदोलन के बाद भी किसानो की परेशानियां ख़त्म होती नही दिख रही हैं।हजारों रुपयो का प्रीमियम भरने के बाद भी किसानो को मुआवज़ा नही मिल रहा है।यहाँ किसानो का कई करोड़ का बीमा अटका हुआ है और सरकार की ओर से अभी तक कोई सर्वे शुरू ही नही किया गया।कभी कम बारिश से खेतो में खड़ी धान सूख जाती है तो कभी बहुत ज्यादा बारिश से उड़द की फसल चौपट हो जाती है।फसल की ऐसी हालात से किसानो को मुनाफा क्या,लागत भी नही मिलती और सरकार से कोई मुआवज़ा भी नही मिलता।बात मप्र की करे तो यहाँ इस समय कुल 85 लाख छोटे बड़े किसान है।इसमें करीब 50 लाख किसानो पर 60 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ है और अभी तक किसी का क़र्ज़ माफ़ नही किया गया है।वही उप्र में योगी सरकार ने पहले तो सितम्बर 2017 में किसानो के 1.5 लाख के कर्ज पर 1 पैसा माफ़ कर किसानो को असमंजस में डाल दिया और फिर जाने क्या हुआ की आचानक 9 अक्टूबर 2017 को किसानो के क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा कर दी।उप्र के 12 लाख 61 हज़ार किसानो का 75% क़र्ज़ सरकार ने को-ओपरेटिव बैंक को चुकाया और 25% क़र्ज़ माफ़ कर दिया।साथ ही साथ किसानो के बंद किये गए खाते वापस खुलवा दिए गए।उप्र का नाम किसा

सोशल मीडिया पर की गयी एक गलती बन सकती है अपराध।

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आज सोशल मीडिया हमारी ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा बन गया है।हालात कुछ ऐसे है की हम 3-4 घंटे भूखे रह सकते है लेकिन सोशल मीडिया से दूर नही रह सकते।14 वर्ष के बच्चे से लेकर 75 साल के बुजुर्ग तक सोशिल मीडिया पर समय बिताते है।इनमे 77.5% पुरुष था 76.2 % महिलाये शामिल है।यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसे हम एक तरफ ज्ञान का भंडार और रोजगार का साधन मान सकते है और दूसरी ओर धोखाधड़ी और अपराध का स्त्रोत कह सकते है।बात केवल भारत की करें तो इसका गलत इस्तेमाल करने में भारतीय पीछे नही है।भारत में सोशल मीडिया का दुरूपयोग कुछ इस तरह से होता है की धोखाधड़ी और हिंसा फैलाने जैसे काम आये दिन होते रहते है।लेकिन कई लोग इस बात से अनभिज्ञ है की आईटी एक्ट 66 के अंतर्गत साइबर अपराधियो को सजा का प्रावधान है।साथ ही साथ कोई भी ऐसा कंटेंट जो कानून के नजर में गलत है, वह अगर सोशल साइट पर डाला जाता है, तो वह अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए के  तहत कार्रवाई की जा सकती है। सोशल मीडिया ने भारत के किशोर और युवा वर्ग को इतना बहका दिया है की आये दिन वे स्वयं भी गलतिया करते है और शिकार भी होते है।कभी ब्लू व

क्या हो गया है हमारे मप्र को

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नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो ने 2015 में जो अपराध आंकड़े जारी किये थे वे वाकई चोंकाने वाले थे।रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म जैसे घिनोने अपराध में मप्र का नाम सबसे ऊपर था।यहाँ 2015 में 4391 दुष्कर्म के मामले दर्ज किये गए थे जिनमे औसतन एक दिन में 13 बलात्कार हुए।दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और फिर राजिस्थान और दिल्ली का नाम था। मप्र हत्या से लेकर बलात्कार तक , भष्टाचार से लेकर किसानो पर अत्याचार तक चर्चा का केंद्र बना रहता है। मप्र में हर कभी किसी भी लड़की की आबरू लुटती है हर कभी किसान आत्महत्या करता है और आये दिन खुलेआम हत्याए होती है।लेकिन हमारे शुभचिन्तक नेतागण इसी बात पर बहस करते रह जाते है की गलती किसकी थी।आज यहाँ ईमानदारी और निःस्वार्थ सेवा का कोई मोल नही बचा।आखिर उस लड़की की क्या गलती थी जो पुलिस स्टेशन से 100 मीटर दूर उसके साथ ऐसी दरिंदगी हुई।4 लोगो ने उसका रेप किया लेकिन किसी को खबर ही नही।दूसरी ओर पुलिस वाले इस मामले को इस कदर मज़ाक में ले रहे थे की एक महिला पुलिस कर्मी इस घटना की बात करते हुए ठहाके लगा रही थी।ऊपरी अधिकारियो को घटना की कोई खबर ही नही क्योकि वे 9:30 के बाद वीवीआईपी हो जाते

अब तो बंद करो आरक्षण

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भारत के हर एक हिस्से में लोग आरक्षण का विरोध करते है इसके विपरीत आरक्षित वर्ग अपना आरक्षण छोड़ने को तैयार नही होता है। आंदोलनों से लेकर सोशल मीडिया तक आरक्षित वर्ग भेदभाव की दलील देता है और एक मुख्य मांग यह रखता है की मंदिरो में पुजारी उन्हें बनाया जाये। सन् 1949 में केरल में त्रावनकोर देवस्वाम बोर्ड की स्थापना की गयी थी। इस वर्ष लोक सेवा आयोग की तर्ज पर लिखित परीक्षा और साक्षत्कार के बाद इस बोर्ड ने 62 पुजारियो की भर्ती की जिनमे 36 गैर ब्रम्हाण है जिनमे 6 दलित शामिल है।यह मांग कई सालों से चली आ रही थी की  अनुसूचित जाति या जनजाति के लोगो को पुजारी बनाया जाये। पिछली बार पिछड़ा वर्ग को शामिल किया गया था और अब sc st को भी शामिल कर लिया गया है। इससे केरल के आरक्षित वर्ग को भी राहत मिली है की जो वे वर्षो से चाहते थे वो आखिरकार उन्हें मिल गया है।कथित रूप से दलितों से भेदभाव की शुरुआत मंदिरो से होती है और उनका यह कहना होता है की मंदिरो में उन्हें जाने नही दिया जाता। यह एक जातिगत तथ्य है जिसे मंदिरो से तो जोड़ा जा सकता है लेकिन शिक्षा और नोकरी से नही। यहाँ आकर मंदिरो वाला मामला ख़त्म हो जाना चाहिए

मेरा पत्र बापू के नाम

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प्रिय बापू,                आज आप हमारे साथ नही है,लेकिन फिर भी हम सब के ह्रदय में जीवित है।मैंने कक्षा 9वीं में आपके जीवन की कई घटनाये पढ़ी और काशीनाथ त्रिवेदी के अनुवाद में आपकी आत्मकथा "सत्य के प्रयोग" भी पढ़ी।लेखन के क्षेत्र में आने के बाद मुझे काफी कुछ जानने को मिला।मुझे आपको यह बताते हुए बहुत दुःख हो रहा है की लोग आपके द्वारा बताये गए मार्ग से हटते जा रहे है, वे आपकी नीतियों का अनुसरण नही कर रहे है।आपने अहिंसा का पाठ पढ़ाया और लोग आज भी हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लड़ रहे है।जो बचपन में साथ खेला करते थे, वे आज एक दूसरे के खिलाफ सड़को पर उतार आते है,एक दूसरे के खिलाफ नारे लगते है,पथराव भी करते है और हत्याए भी करते है। आपकी आत्मकथा "सत्य के प्रयोग" में इस बात का विस्तृत वर्णन है की कठिन परिस्तिथियों में भी आपने मांसाहार नही किया। लेकिन बापू, आप जानते है आज बारात में अधिकतम लोग गौमांस खाने के लिए लड़ रहे है।बीफ बीफ चिल्ला रहे है। एक ओर गाय को पूजते है दूसरी ओर उसकी हत्या कर उसे आहार बनाते है।आपने हमेशा लोगो को सत्य बोलने के लिए प्रेरित किया। आपने तो अपने व्यसन किये जाने