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Showing posts from February, 2018

ये है मेरी होली

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मैं एक लड़की हूँ जो गाँव में रहती है।दायरों भरा माहौल जहाँ बड़े होते होते लड़कियों का होली खेलना बंद हो जाता है और लड़को आवारापन बढ़ जाता है। बचपन में हम लड़कियां भी बहुत होली खेलते थे अपने भाई बहनो और दोस्तों के साथ।पूरे गांव में पिचकारी लेकर दौड़ते फिरते थे। एक दुसरे को रंग में इतना भिड़ा देते थे कि समझ ही नही आता था कौन है। उस समय हम बच्चे थे हम पर लड़का लड़की वाला भेद लागू नही होता था।दोपहर 3 से 4 बजे तक घूमते घामते अपने घर लौट कर आते थे और फिर 2 घंटे तक हमारे घरवाले हमे जबरदस्ती नहलाते थे। फिर भी वो होली का रंग एक हफ्ते तक हमे जकड़े रहता था।होली के अगले दिन जब स्कूल जाते तो एक दुसरे को देख तुलना करते की किसका रंग ज्यादा गहरा है,किसने ज्यादा होली खेली है।फिर जब लंच की घण्टी बजती तो जल्दी से अपना अपना टिफिन निकल कर बैठ जाते और सबको अपनी अपनी गुजिया - पापड़ी बताते। एक दुसरे के टिफिन से खाते और अंत में मूल्यांकन करते की किसके घर की ज्यादा अछि थी।ये मेरे बचपन की होली थी जो मुझे बहुत याद आती है।होली पर न कोई काम करना होता न ही कोई पाबन्दी होती थी। खेलना कूदना और गुजिया खाना बस यही काम था। लेकिन अ

डूब मरो तो अच्छा है

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एक बलात्कार नाम का शब्द भारत के ग्राफ को बड़ी बेरहमी से ऊपर उठा रहा है।वे लड़कियां जिन्हें लोग पीड़िता कहते हैे।मीडिया वाले उनके मुँह में माइक घुसेड़ कर उनका चेहरा धुंधला कर उनसे ये पूछते है कि क्या हुआ था।जिनके परिवार को सालों तक कोर्ट के चक्कर काटना है।डॉक्टर उन्हें शक की निगाहों से देखता है कि कहीं सहमति से तो नही हुआ।वो जिन्हें महिला पुलिसकर्मी के आभाव में पुलिस वाले के सवालों का जबाब देने में असमंजस होता है।जिन्हें देख मोहल्ले के लोग कानाफूसी करते है।जिनके घरवाले उन्हें कोसते है कि - तू पैदा ही क्यों हुई थी? क्या वे वास्तव में पीड़िता होती है। भारत में प्रतिदिन 15 बलात्कार होते है और सालाना यह संख्या हज़ारो की होती है। लेकिन इन मामलो के दो पहलु होते है। एक पहलु जो 8 माह की बच्ची के बलात्कार से शुरू होता है और सामूहिक दुष्कर्म और हत्या पर ख़त्म होता है।इस पहलू में वे सभी मामले आते है जो वास्तव में बलात्कार के होते है और दूसरा पहलू वो होता है जिसमे नादान परिदों की करतूतो को बलात्कार का नाम दे दिया जाता है। इस पहलू को समझने के लिए एक घटना पर प्रकाश डालना जरुरी है।घटना फ़रवरी 2018 की है जिसम

और कितना बेवकूफ बनाओगे

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हम आम लोग भी कितने बेवकूफ होते है न। 3 साल पहले कानों में गूंजते नारे "अच्छे दिन आने वाले है" को सुनकर न जाने कैसे कैसे सपने देखने लगे थे।जब बीजेपी की सरकार बनी तो सबने यही सोचा की 10 साल बाद नई सरकार आई है अब तो निश्चित ही अच्छे दिन आ जायेंगे। शुरुआत में सब ठीक ठाक सा रहा थोड़ी बहुत अड़चने आई पर नादान जनता ने नजर अंदाज़ कर दिया।अब बात करें यदि काले धन की तो यह भ्रष्टाचार का मुख्य अंग है। पहले ऐसा माना जाता था की काला धन विदेशो में है जो भारतीय राजनेताओ और पूंजीपतियों द्वारा अपनी अंधाधुंध आय से बचा कर स्विश बैंक जैसी विदेशी संस्थाओ में जमा किया गया है। लेकिन पिछले वर्ष 2016 में यह पता चला की काला धन तो भारत की गरीब जनता के पास है वह जनता जो अपने बच्चों की शादी और पढाई लिखाई के लिए काला धन जमा कर रही है। देखते ही देखते जनता की यह जमा पूंजी कागज के टुकड़ो में बदल गयी। बीते 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक फैसला लिया जिसमे 500 और 1000 के नोट रात 12 बजे के बाद बन्द हो गये ।कुछ जानकार इसे काले धन की दिशा में एक ऐतिहासिक फैसला मान रहे थे तो कुछ इसे सरकार द्वारा जल्दबजी

सुधर जाओ बेशर्मों

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आजकल देखा जाये तो हर दूसरे शहर में एक वृद्धाश्रम होता है। जिस तरह बाल आश्रम जरुरत मंद बच्चों को पनाह देता है वैसे ही वृद्धाश्रम घर से निकले गए असहाय वृद्ध जनों को पनाह देता है। इन बुज़ुर्गो की हालात के ज़िम्मेदार और कोई नही अपितु उनके बच्चे ही होते है जिन्हें प्यार से हर परिस्तिथि में पाला होता है वे ही माँ बाप को वृद्धाश्रम का रास्ता दिखा देते है। ये परिणाम है भारतीय समाज का पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ने का।हम आधुनिकता के नाम पर अपनी संस्कृति और संस्कारो को इतना पीछे छोड़ रहे है की इन्सानियत कही न कही खोती जा रही है।माँ बाप हमे बिना किसी स्वार्थ के पालते है और हमसे केवल एक ही आशा रखते है की हम बड़े होकर उनकी लाठी बनेंगे और उनको बुढ़ापे में सहारा देंगे। लेकिन आजकल कुछ लोगो की स्वार्थता तो देखिये एक बार सारी संपत्ति मिल जाने पर अपने माँ बाप को ही त्याग देते है उन्हें बोझ समझने लगते है और घर से बेदखल कर देते है। जिनको समाज या सम्मान का डर होता है जो लोग ऐसा नही कर पाते वे अपने माँ बाप से अलग रहने लगते है और उन्हें अकेला छोड़ देते है। इतना ही नही जो लोग अपने माँ बाप के साथ रहते भी है तो कुछ लोग इतन

बढ़ते घोटाले और लापरवाह सरकार

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आये दिन सामने आ रहे करोड़ों के घोटाले इस बात की ओर संकेत कर रहे है भारत का आर्थक ढांचा पूरी तरह टूट के बिखर गया है और  जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है।भारत का सारा पैसा बड़े बड़े पूंजीपतियों की जेबों में भरा हुआ है। नीरव मोदी और विजय माल्या तो केवल वे नाम है जो गलती से बाहर आ गए वरना "न खाऊंगा न खाने दूँगा" कहने वाले मोदी जी के राज में भारत की अर्थव्यवस्था के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है  भारत की जनता उससे बिलकुल अनभिज्ञ है।पीएनबी का मामला सामने आते ही एक के बाद एक घोंटले सामने आने लगे है। जिनमे रोटोमेक के मालिक विक्रम कोठारी भी शामिल है। साथ ही सीबीआई ने दिल्ली के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की एक शाखा के साथ 390 करोड़ की धोखाधड़ी किए जाने का मामला दर्ज किया है। राजधानी के ही एक ज्वेलरी आउटलेट के ख़िलाफ़ गुरुवार (22 फरवरी) को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के सार्वजनिक हुए दो दिन भी नहीं बीते थे कि मोदी सरकार ने भारत में बैंक धोखाधड़ी से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े सामने रख दिए।क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सार्वजनकि क्षेत्र के बैंकों को साल 201

प्यार को हवस न बनाओ

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कहते है फरवरी प्यार का महीना है लेकिन प्यार किस तरह खाई में धकेल देता है इस पर गौर करना भी जरुरी है। पहली घटना इस प्रकार हैै कि 19 वर्षीय एक लड़की ने सोशल मीडिया पर एक लड़के से दोस्ती की कुछ ही दिनों में दोस्ती प्यार में बदल गयी और प्यार में पड़ी उस लड़की ने अपनी अश्लील फ़ोटो उस लड़के के साथ साझा कर ली।फिर क्या था लड़की का प्रेम खुमार तब टूटा जब वह लड़का उसे ब्लैकमेल करने लगा कि वह उसकी फ़ोटो उसके माँ बाप को बता देगा और वायरल कर देगा।उस लड़के ने रुपयो की माँग की और लड़की ने बिना किसी को बताये डर के मारे सोने के जेवर और नगद रूपये उसे दे दिए। दूसरी घटना भी सोशल मीडिया से ही जुडी हुई थी। एक 20 वर्षीय लड़की को अनजान लड़के से सोशल मीडिया पर प्यार हुआ और लड़की अपने घर से भाग कर उस लड़के के पास पहुँच गयी लेकिन लड़के ने उसका बलात्कार किया और अनजान शहर में अकेला छोड़ भाग गया। लड़की अपने घर वापस आ गयी और लड़के के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करवाया। आगे तीसरी घटना में 16 वर्षीय किशोरी 30 वर्षीय युवक से प्रेम कर बैठी और युवक से शादी के सपने देखने लगी।लेकिन युवक उसका लगातार बलात्कार करता रहा और परिणाम यह रहा कि किशोरी

इन करतूतों ने लगाया गणतंत्र दिवस पर ग्रहण

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आप जानते है भारत महान क्यों है? स्वामी विवेकानंद कहते थे भारत की महानता का पहला कारण ये है की भारत ने दुनिया भर के शरणार्थियो को पनाह दी है।चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम।या कोई अन्य धर्म।पहले भारत हिंदुस्तान नही था।भारत हिंदुस्तान तब हुआ जब भारत का एक हिस्सा पाकिस्तान में बदल गया।देश मे सभी लोगहिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई,जैन या बौद्ध जैसे धर्मो तथा सांप्रदायो में बंटे हुए है लेकिन देश का प्रत्येक नागरिक सर्वप्रथम भारतीय है और संविधान के समक्ष सभी एक सामान है। परंतु फिर भी हिंदु और मुस्लिम धर्म के बीच खटास बनी ही रहती है।भारतीय सम्विधान में वर्णित तीसरा मौलिक कर्तव्य कहता है कि भारत की प्रभुता,एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे लेकिन भारत वासी अलग अलग सम्प्रदायो में बाटें गए है जो हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लड़ रहे है।जो बचपन में साथ खेला करते थे, वे आज एक दूसरे के खिलाफ सड़को पर उतार आते है,एक दूसरे के खिलाफ नारे लगते है,पथराव भी करते है और हत्याए भी करते है।इस देश में धर्म के नाम पर इसी तरह लड़ा जाता है।पहले तो एक धर्म के युवा तिरंगा यात्रा निकलते है और दुसरे धर्म के इलाके में जा