हरिजन एक्ट के दुष्प्रयोग को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल गिरफ़्तारी पर क्या रोक लगा दी।बँट गया ये भारत। गुरुर तले दब गया।भारत बंद के नाम पर 2 अप्रैल को भयानक उत्पात मचाया गया।लोगों की दुकाने जला दी गयी मेहनत से खड़ी की गयी दुकानों को यूँ ही फूंक दिया।छोटे छोटे बच्चों पर तक वार किया गया,पुलिस चौकिया जला दी और पीट पीट कर युवकों की हत्याए कर दी गयी।आखिर कब तक चलेगा ये जाति के गुरुर का खेल।कब तक अपने घमंड में दूसरों की हत्याएं करते रहोगे।ग्वालियर में जिस युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गयी।क्या उस माँ को उसका बेटा वापस दे सकते हो। क्या मिला ये दंगा करके, अपनी संख्या की शक्ति का प्रदर्शन कर लिया।अपनी जाति के बारे में सभी ने सोचा लेकिन इस देश के बारें में किसी ने नही सोचा और यहां के लोगो और सार्वजानिक संपत्ति को तबाह करने चल पड़े। भारत को खतरा बाहरी देशो से कम इस देश के नागरिको से ज्यादा है।वे नागरिक जो समुदायों में इस कदर बंटे हुए है कि भारत को ही तबाह करने पर जुटे हुए है।लोकतंत्र की परिभाषा ही बदल गयी है जनता का जनता के लिए जनता द्वारा कुशासन। अब्राहिम लिंकन की आत्मा को बहुत ठेस पहुच रही...