संगठन कहाँ गए अब??
ये देश क्या था और क्या होता जा रहा है।महान भारत में कितने महान कारनामे हो रहे है। जब गरूर को चोट पहुंचती है तो सारे संगठन सड़क पर उतार आते है हमे ये चाहिए हमे वो चाहिए।लेकिन जब दिल्ली में एक 8 महीने की बच्ची का रेप हुआ तब कोई नही आया,जब हफ्ते भर दरिंदगी का शिकार होती रही बच्चियों की निर्मम हत्या कर दी गयी तब किसी सन्तान को कोई फर्क नही पड़ा।एक के बाद एक छोटी बच्चियो के साथ गैंगरेप हो रहे है और भारत के सारे संगठन सोये हुए है।क्यों? अब न चोट पहुंची तुम्हारे गरूर को।जब तुम लोगो के बीच से छोटी बच्चियो के साथ सामूहिक बलात्कार हो रहे है तो किस बात के संगठन बनाये है तुम सबने केवल अपनी समाज का शक्ति प्रदर्शन करने केलिए।अपनी सामुदायिक मांगों के लिए।किसी को आरक्षण का विरोध करना है,किसी को आरक्षण की मांग करना है,किसी को हरिजन एक्ट में बदलाव का विरोध करना,किसी को फ़िल्म का विरोध करना है क्योकि उस फ़िल्म में पद्मावती की कमर दिख रही थी।धिक्कार है आज सारे संगठनो पर।भारत में हज़ारो की संख्या में संगठन है चाहे तो क्या नही कर सकते।लेकिन अपने स्वार्थ के लिए अपनी माँगो के लिए ही तुम्हारी शक्तियां बाहर आती है।य