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Showing posts from April, 2017

आस्था???

यदि बात करे लाखो वर्ष पहले की तो जान पड़ता है की भगवान का नेटवर्क कभी कवरेज क्षेत्र के बहार नही होता था। भगवान इतनी फुरसत से बैठ के अपने भक्तो की परीक्षा लिया करते थे।एक भगवान पर्वत पे बैठे , एक शेषनाग पर और एक कमल के फूल पर। जब भक्तो की परीक्षा पूरी हो जाती थी तो भग वा न अपने अपने स्थान से उठकर आते और भक्तो को वरदान दे के तथास्तु बोलकर गायब हो जाते थे। अब बात करे आज के समय की तो ये कहानिया हमे टीवी के धारावाहिको में देखने को मिलती है। अब सोचने की बात ये है की वो भगवान आखिर गए कहाँ। हम भी तो रोज़ नयी नयी परीक्षाए दे रहे है। मनुष्य की कठिनाईयो का कोई अंत है ही नही। फिर भगवन हमे दर्शन क्यों नही देते। पहले तो राक्षस से लेके साधू संत तक 1 टाँग पे खड़े होकर कई वर्ष बर्बाद कर देते थे और वरदान में लंबी आयु की मांग करते थे। हिंदी साहित्य में निर्गुण ब्रम्ह का उल्लेख किया गया है।मतलब की भगवान का कोई आकर प्रकार नही होता था। लेकिन आज कल के भक्तो ने धारावाहिक देख देख के नायक की छवि को ही भगवन मान लिया है। अब भक्त शिवजी को याद करते ह तो आखो के सामने महादेव के रूप में मोहित रैना की छवि दिखाई देती है

कठिनाइयों को अपनी ताकत बनाओ

1 मेरे साथ जो कुछ होता है मैं उन सभी चीज़ों पर कंट्रोल नही कर सकती, लेकिन इन चीज़ों पर रिएक्ट कैसे करना है ये मेरे काबू में है। यहां मेरा रिस्पांस ही मेरी ताकत है। 2 जिंदगी में जो कुछ होता है मै उन सभी चीज़ों को अपनाती हु।जब भी मैं इनका सामना करती हूं तो खुद को परिवर्तनो के अनुसार ढालने की कोशीश करती हूं।यहां मेरी परिवर्तनशीलता मेरी ताकत है। 3 जब मैं किसी कार्य में जीतती हु तो खुदको उतना अच्छा नही मानती जितना कि लोग कहते है।जब में किसी कार्य मे हारती हु तो खुदको उतना कंजपर नही समझती। यहां मेरा आत्मविश्वास मेरी ताकत है। 4 मैं परेशानियों को मैनेज करने की बजाय अपने दिमाग को मैनेज करती हूं।यहां मेरी सकारात्मकता मेरी ताकत है। 5 खुशिया मेरे पास तब आएंगी जब में खुश रहूगी।मैं हर परिस्थिति में खुश रहने की कोसिस करती हूं।यहां मेरी खुशमिजाजी मेरी ताकत है।