ज़िन्दगी का अगला पड़ाव

आज यह  एक ऐसी स्थिति है जहाँ मेरी ज़िंदगी का एक पड़ाव ख़तम हुआ ।मेरी स्कूल लाइफ बस यही तक थी। लोगो की यह अवधारणा है कि स्कूल लाइफ सबसे आसान होती है कुछ नही करना पड़ता।लेकिन में जानती हूं जो लोग वर्तमान में ही कुछ हासिल कर लेना चाहते है उनके लिए ज़िन्दगी का हर 1 पड़ाव संघर्ष और कठिनाइयों से भरा होता है।
मैंने ये कभी नही सोचा की मुझे कुछ नही मिला क्योंकि में 1 लड़की हु और ये बहोत अच्छे से जानती हूं कि मुझे जितना मिला ह उसका आधा भी कई लड़कियों को नही मिलता। अब ज़िन्दगी का अगला पड़ाव ये है कि जो में बनना चाहती हु उसके लिए संघर्ष करना है।
मैं बहोत खुशनसीब हु की मेरा ये अगला पड़ाव पढ़ाई और मेरे भविष्य का है। लेकिन याचना मेरी 1 दोस्त उसका अगला पड़ाव उसकी शादी है। ऐसा क्यों। क्या उसे कुछ बनने का अपने पैरों पे खड़े होने का कोई हक नही है??

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