अपने आप को श्रीदेवी का फैन मत कहो,तुम उस लायक नही

श्रीदेवी जो की भारतीय फ़िल्म जगत की पहली लेडी सुपरस्टार कही जाती है।भारतीय सिनेमा को एक से एक बेहतरीन फ़िल्में देने वाली ये नायिका अब दुनिया छोड़ कर जा चुकी है।श्री देवी की मौत पर पूरा भारत सवाल कर रहा है।कहीं न कहीं सभी को यह लगता है कि उनकी मौत हादसा नही बल्कि हत्या हो सकती है।लेकिन इस संदर्भ में भी कोई मजबूत तर्क सामने नही आ पाया है सभी अलग अलग बातें कर रहे है तो उन बातो का विरोधाभास भी निकाला जा रहा है।उनकी मौत के बाद उनके पति द्वारा मौत का कारण हार्ट अटेक बताया गया था जो की पीएम रिपोर्ट के बाद झूठा साबित हुआ और यह बात सामने आई कि अचेत होकर बाथटब में डूबने से उनकी मौत हुई है। बिना पूरी जाँच पड़ताल के कार्यवाही खत्म कर दी गयी और ये  बात राज ही रह गयी कि श्री देवी के साथ आखिर हुआ क्या था। अब बात करें उन लोगों की जिन्हें श्री देवी ने अपने जीवन काल में इतनी सारी फ़िल्में दी। वे लोग जो अपने आप को उनका फैन कहते है।उन्होंने अब श्रीदेवी का मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया है। यही होता है इस देश में कोई भी मुद्दा हो,कोई भी बात हो ख़ुशी की हो या दुःख की हो यह के नौजवान हर चीज़ को ट्रेंड समझ कर उस पर जोक बनाने लगते है। दिन भर शाराब की बोतलों में डूबे रहने वाले लोग अपनी सोशल मीडिया की पोस्टों पर श्रीदेवी के लिए शराब पीने वाली औरत का सम्बोधन कर रहे है यह बहुत ही शर्म की बात है कि एक कलाकार की मौत पर इस तरह की अभिव्यक्ति दी जा रही है।जहाँ एक लड़की के आँख मारने पर उसके फैन बन जाते है और सालों तक इतनी फ़िल्में देने वाली नायिका की मौत का मज़ाक बनाते है वे नवयुवक पकोड़ा बेचने लायक ही है। अच्छा होगा कि अपने मन सें कर्मठता को हटाकर थोड़ी संवेदनशीलता लाएं क्योंकि हर चीज़ का मज़ाक बनाने से हमारी संस्कृति और सभ्यता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है।यहाँ एक बात यह भी है कि सभी लोग संवेदनहीन नही है अपितु कुछ उपद्रवी किस्म के नवयुवक ही ऐसा करते है जिन्हें लगता है कि हर चीज़ के जोक बनाना लोगों का मनोरंजन कर सकता है तो यह एक गलतगफहमी है किसी की मौत का मज़ाक बनाना कोई मनोरंजन का साधन नही है।

- शिवांगी पुरोहित

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