सबका कारण शराब ही है
भारत सरकार से 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया जिसमे खाने पीने प्रत्येक चीज़ पर 4 से 12 प्रतिशत टैक्स लगाया गया। लेकिन शराब पर टैक्स नही लगाया गया फिर भी उसकी कीमतों में 15% की बढ़ोत्तरी हुई।ऐसा इसीलिए हुआ क्योकि शराब बनाने मे जिस कच्चे माल का उपयोग किया जाता है वो सभी gst के अंतर्गत है।कच्चे माल के रूप में उपयोग किये जाने वाले सामानों पर 15 से 28% तक टैक्स लगाया गया है।इससे हुआ ये की नव उत्पादित शराब महँगी हो गयी।लेकिन इस बात से खरीदने वाले को कोई फर्क नही पड़ा।चाहे उसके पास पैसे हो या न हो वो उधार लेकर भी शराब पियेगा।भारत में होने वाली घरेलु हिंसा की 90% घटनाएं शराब पीने वाले लोग करते है।शराब में पाये जाने वाले अल्कोहोल को ज्यादा मात्रा शारीर के लिए हानिकारक होती है।इससे आसपास के माहौल को भाँपने में शारीर गड़बड़ाने लगता है और सोचने समझने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है।इंसान खुद को सभी झंझटों से मुक्त समझने लगता है। डब्लू एच ओ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में शराब पीने के कारण 33 लाख लोगो की मौत होती है।भारत की बात करें तो यहाँ प्रतिदिन 15 लोगो की मौत शराब पीने के कारण होती है।शराब संबंधी मौतों के मामले में भारत में पहला स्थान महाराष्ट्र का है।यहाँ शराब पीने से हुई मौतों के आंकड़े सबसे ज्यादा है।वही दूसरा स्थान मप्र का और तीसरा तमिलनाडु का है।सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ो के मुताबिक़, भारत में 2015 में 16,298 सड़क दुर्घटनाये शराब पीकर वहां चलाने के कारण हुई।वहीं दूसरी और यह देखने मे आया है की बलात्कारी शाराब पीकर ही इस क्रिया को अंज़ाम देते है बलात्कार के लिए शाराब बहुत हद तक दोषी है।बलात्कार के मामले में देश में मप्र का स्थान सबसे ऊपर है।एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल 34000 बलात्कार होते है।जिनमे से अधिकतम शराबियो द्वारा किये जाते है।लेकिन देश मे शाराब की दुकानो की भरमार कर रखी है हर गली और हर नुक्कड पर शाराब की दुकाने मिल जायेगी।सरकार ने हाइवे पर शराब दुकानों पर रोक भी लगाई लेकिन फिर भी लोग वहां शराब बेंचने से बाज नही आते।सबसे ज्यादा बिकने वाली शराब पर न आम लोगो का नियंत्रण है,न सरकार का और न ही शराब पीने वालों का।
-शिवांगी पुरोहित
शराब माना कि बुराई है....लेकिन सर्वाधिक व्याभिचारी साधु-संत होते हैं...वो कहां शराब पीते हैं...शराबी को हर कोई बुरा कहता है पर सच में वो उतना नहीं होता जो समाज के सफेदपोश लोग होते हैं शिवांगी
ReplyDeleteसही कहा शराब के कारण आये दिन अपराध होते है परंतु न शाशन दुअरा कोई कदम उठाया जाता नाही किसी संगठन द्वारा वेसे कहने को कई ऐसे समाज सेवी संगठन है जो समाज के उद्धार के लिए चलते है पर देखा जाये तो जिस चीज से समाज को नुकसान है उसके लिए कोई संगठन भी आगे नही आता
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