सोशल मीडिया पर की गयी एक गलती बन सकती है अपराध।

आज सोशल मीडिया हमारी ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा बन गया है।हालात कुछ ऐसे है की हम 3-4 घंटे भूखे रह सकते है लेकिन सोशल मीडिया से दूर नही रह सकते।14 वर्ष के बच्चे से लेकर 75 साल के बुजुर्ग तक सोशिल मीडिया पर समय बिताते है।इनमे 77.5% पुरुष था 76.2 % महिलाये शामिल है।यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसे हम एक तरफ ज्ञान का भंडार और रोजगार का साधन मान सकते है और दूसरी ओर धोखाधड़ी और अपराध का स्त्रोत कह सकते है।बात केवल भारत की करें तो इसका गलत इस्तेमाल करने में भारतीय पीछे नही है।भारत में सोशल मीडिया का दुरूपयोग कुछ इस तरह से होता है की धोखाधड़ी और हिंसा फैलाने जैसे काम आये दिन होते रहते है।लेकिन कई लोग इस बात से अनभिज्ञ है की आईटी एक्ट 66 के अंतर्गत साइबर अपराधियो को सजा का प्रावधान है।साथ ही साथ कोई भी ऐसा कंटेंट जो कानून के नजर में गलत है, वह अगर सोशल साइट पर डाला जाता है, तो वह अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए आईटी ऐक्ट की धारा-66 ए के  तहत कार्रवाई की जा सकती है। सोशल मीडिया ने भारत के किशोर और युवा वर्ग को इतना बहका दिया है की आये दिन वे स्वयं भी गलतिया करते है और शिकार भी होते है।कभी ब्लू व्हेल जैसे जानलेवा खेल की और आकर्षित होकर अपनी जान गवाँ बैठते है तो कभी फेसबुक का चैलेन्ज पूरा करने के लिए 2 दिन घर से गायब रहते है,कभी फर्जी प्रोफाइल से लोगो को ठगते है तो कभी दालचीनी पाउडर खाने की प्रतिस्पर्धा करते है।इतना ही नही सोशल साईट्स के जरिए किसी के भी बारे में अफवाहें फैलाने और धार्मिक भावनाएं भड़काने में अपना समय बर्बाद करते है और फिर यही हरकते उन्हें मुश्किल में डाल देती है।अब तक पुलिस द्वारा किसी भी तरह की हिंसा फ़ैलाने वाली पोस्ट डालने वाले सैकड़ो लोगो पर आईटी एक्ट(ए) के तहत कार्रवाही की जा चुकी है।लेकिन लोगो द्वारा इस एक्ट का विरोध किया जाता है की इसके कारण अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन हो रहा है।लेकिन अभिव्यक्ति का अधिकार किसी को चिढ़ाने या परेशान करने, खतरे में डालने, बाधा डालने, अपमान करने, चोट पहुंचाने, धमकी देने, दुश्मनी पैदा करने और हिंसा फ़ैलाने की आज्ञा नही देता है।वही महिलाये सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारियां साँझा कर खतरे में पड़ जाती है।इससे बचने के लिए उन्हें अपना फोन नंबर और घर का पता कभी सोशल मीडिया पर साँझा नही करना चाहिए। वही महिलाओ की सबसे बड़ी समस्या यह बन गयी है की वे किसी भी अजनबी के बहकावे में आ जाती है और बलात्कार जैसे अपराध का शिकार होती है।आये दिन ऐसी घटनाये होती रहती है जिनसे सबक लेकर उन्हें सावधान रहना चाहिये।उसी तरह भारत में धोखाधड़ी के 47% मामले साइबर क्राइम से जुड़े होते है।ठगी व्यक्ति फर्जी जानकारी देकर रूपये ऐंठ लेते है।ताजा मामला मप्र के इंदौर में देखने को मिला है जहाँ एक व्यक्ति कई युवको को फिल्मो में काम दिलाने के नाम पर हज़ारो रुपये लूट चूका है।क्राइम ब्रांच की पकड़ में आने के बाद उस व्यक्ति ने खुलासा किया की अभी तक वो खुद को बालाजी टेली फ़िल्मस का कास्टिंग डाइरेक्टर बता कर कई युवको से लाखो रूपये ऐंठ चुका है।यह तो एक ही मामला है इसके अलावा सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर लड़कियो की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके है।एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले दो सालो में साइबर क्राइम के आंकड़ो में काफी बढ़ोत्तरी हुई है जिसमे धोखाधड़ी,जान से मारने की धमकी,हिंसा फैलाना,हैकिंग, चोरी और अपवाह फ़ैलाने जैसे अपराध शामिल है।
- शिवांगी पुरोहित

Comments

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रम की आवश्यकता क्यों??

my 1st blog

माय लाइफ माय चॉइस