ये हमारा ताज 👑 है...

दुनिया के सात अजूबो में हमारे देश की एक धरोहर शामिल है जिस पर हमे गर्व होना चाहिए।लेकिन न जाने क्यों लोग उस धरोहर पर कीचड़ उछाल रहे है।कुछ दिनों से ताजमहल का नाम राजनेतओं से लेकर आम आदमी तक की जुबां पर है।दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल विवादों में उलझा हुआ है।इसकी शुरुआत भाजपा विधायक संगीत सोम ने अपने बेतुके बयान से की थी।उनके द्वारा दिए गए इस बयान के बाद से राजनीती से लेकर मीडिया तक तहलका मच गया।इनका समर्थन करने वाले देशभक्ति की आड़ में हिंदुत्व का डंका बजाने लगे और विरोध करने वाले गला फाड़ फाड़ कर देश की धरोहर की खूबियां बताने लगे।वही कुछ लोग ऐसे भी है जो ताजमहल में घुसकर शिव चालीसा का पाठ करने लगे।क्या इनसे कोई पूछेगा की ये साबित क्या करना चाहते है?कही ऐसा न हो की दुनिया के सात अजूबो में से ताजमहल को हटा कर इन लोगो का नाम जोड़ दिया जाए।यहाँ रोज के विवाद और बयानों की बौछारे हो रही थी कि खबर आई उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताजमहल जाएंगे और वहां झाड़ू भी लगायेगे।ये बात तो समझ से बाहर है की ये राजनेता लोग हमेशा सड़को पर झाड़ू लगाने क्यों आ जाते है।आये दिन अख़बार इन खबरों से भरा रहता है की फलाने नेता या मंत्री ने इस स्थान पर झाड़ू लगाई।वैसे फोटो खीचे जाने के बाद ये झाड़ू कार्यक्रम तुरंत बंद हो जाता है।प्रश्न यह है की योगी जी को ये सब करने की आफत क्या आ पड़ी।शायद वे ये सब उस अपवाह के असर को कम करने के लिए कर रहे है जो कुछ दिन पहले योगी जी को लेकर फैलाई गयी थी की उन्होंने उप्र की पर्यटन सूची से ताजमहल को बाहर कर दिया है।वैसे उन्हें ये जतन करने ही पड़ेंगे क्योंकि ताजमहल से सरकार को सालाना करोडो की कमाई होती है।2016 में पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने ये आंकड़े जरी किये थे की 2015 में सरकार को 17 करोड़ 87 लाख की कमाई ताजमहल से हुई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के मुताबिक, ताजमहल में हर साल 70 से 80 लाख पर्यटक आते हैं।मौजूदा साल में जनवरी से अगस्त महीने के बीच लगभग 42 लाख पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे थे, इनमे से लगभग 5 लाख पर्यटकों की संख्या विदेशी थी।
अब जहाँ विवाद मचाने वाले लोग तजमहल को तोड़ने की बाते कर रहे है।वही प्रधानमंत्री मोदी जी भी ताजमहल को विवादों से निकालने की कोशिश में लगे है।वही सवाल यह भी उठता है की आखित ताजमहल पर निशाना क्यों साधा जा रहा है।वहीँ मुगलो को गद्दार करार दिया जा रहा है।यदि ये इलज़ाम उचित है तो फिर लालकिला भी शाहजहाँ ने ही बनवाया था।जहा भारत का तिरंगा फहराया जाता है और फतेहपुर सिकरी पूरा नगर अकबर ने बनवाया था तो क्या बुलंद दरवाजे को भी तोड़ देना चाहिए?इस तरह की बेतुकी बाते कर ये राजनेता सुर्खियां बटोरना चाहते है लेकिन ये इतना भी नही जानते की ऐसी हरकतों से देश में अशांति और हिंसा फैलती है।लेकिन सच तो ये है की भारत की जनता खुद इस धरोहर को टूटने नही देगी।क्योंकि ये हमारा ताज 👑 है।
-शिवांगी पुरोहित

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