इन करतूतों ने लगाया गणतंत्र दिवस पर ग्रहण
आप जानते है भारत महान क्यों है? स्वामी विवेकानंद कहते थे भारत की महानता का पहला कारण ये है की भारत ने दुनिया भर के शरणार्थियो को पनाह दी है।चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लिम।या कोई अन्य धर्म।पहले भारत हिंदुस्तान नही था।भारत हिंदुस्तान तब हुआ जब भारत का एक हिस्सा पाकिस्तान में बदल गया।देश मे सभी लोगहिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई,जैन या बौद्ध जैसे धर्मो तथा सांप्रदायो में बंटे हुए है लेकिन देश का प्रत्येक नागरिक सर्वप्रथम भारतीय है और संविधान के समक्ष सभी एक सामान है। परंतु फिर भी हिंदु और मुस्लिम धर्म के बीच खटास बनी ही रहती है।भारतीय सम्विधान में वर्णित तीसरा मौलिक कर्तव्य कहता है कि भारत की प्रभुता,एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे लेकिन भारत वासी अलग अलग सम्प्रदायो में बाटें गए है जो हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लड़ रहे है।जो बचपन में साथ खेला करते थे, वे आज एक दूसरे के खिलाफ सड़को पर उतार आते है,एक दूसरे के खिलाफ नारे लगते है,पथराव भी करते है और हत्याए भी करते है।इस देश में धर्म के नाम पर इसी तरह लड़ा जाता है।पहले तो एक धर्म के युवा तिरंगा यात्रा निकलते है और दुसरे धर्म के इलाके में जाकर उपद्रव करते है।फिर लड़ाई होती है और मौतें होती है और एक बाप अपना बेटा खो देता है।मीडिया वाले नमक मिर्च लगाकर धार्मिक भावनाये कुछ ऐसे भड़काते है कि - क्या वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे धार्मिक नारे थे?अरे ये क्यों नही बताते कि वहां क्या नारे लगाये गए थे और बहस किस बात पर हुई थी।जब यह बात सामने लेकर आओगे तभी पत्रकार कहलाओगे।लेकिन नही।हम तो धर्म की बहस करेगे।पूरे देश को भड़काएंगे।सच्चाई सामने नहीं लाएंगे।।बल्कि यह बताएँगे कि एक धर्म के लोग देशभक्त है और दुसरे गद्दार है जो गणतंत्र दिवस पर दंगे कर रहे है।क्या कोई कुछ नही कर सकता।अब कहाँ है वो बड़ी बड़ी बातें करने वाले राजनेता।जो लोग देश के अंदर की समस्याये नही सुलझा सकते वे आखिर बड़े बड़े पदो पर बैठे ही क्यों है।लेकिन ये बड़े बड़े राजनेता आपस में लड़ने में लगे रहते है एक दूसरे पर आरोप लगते रहते है। एक दूसरे के खिलाफ सबूत बटोरते रहते है। सारे क्राइम ब्रांच के अफसर बने हुए है।किसी को न इस देश की चिंता है।न यहाँ के लोगो की। सबको ज्यादा से ज्यादा वोट चाहिए। और लड़ने के लिए रोज़ नए मुद्दे चाहिए।अव वर्तमान स्थिति ऐसी हो गयी है की समस्याएं कम होने की बजाये उत्पन्न की जा रही है|
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