प्यार को हवस न बनाओ
कहते है फरवरी प्यार का महीना है लेकिन प्यार किस तरह खाई में धकेल देता है इस पर गौर करना भी जरुरी है। पहली घटना इस प्रकार हैै कि 19 वर्षीय एक लड़की ने सोशल मीडिया पर एक लड़के से दोस्ती की कुछ ही दिनों में दोस्ती प्यार में बदल गयी और प्यार में पड़ी उस लड़की ने अपनी अश्लील फ़ोटो उस लड़के के साथ साझा कर ली।फिर क्या था लड़की का प्रेम खुमार तब टूटा जब वह लड़का उसे ब्लैकमेल करने लगा कि वह उसकी फ़ोटो उसके माँ बाप को बता देगा और वायरल कर देगा।उस लड़के ने रुपयो की माँग की और लड़की ने बिना किसी को बताये डर के मारे सोने के जेवर और नगद रूपये उसे दे दिए। दूसरी घटना भी सोशल मीडिया से ही जुडी हुई थी। एक 20 वर्षीय लड़की को अनजान लड़के से सोशल मीडिया पर प्यार हुआ और लड़की अपने घर से भाग कर उस लड़के के पास पहुँच गयी लेकिन लड़के ने उसका बलात्कार किया और अनजान शहर में अकेला छोड़ भाग गया। लड़की अपने घर वापस आ गयी और लड़के के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करवाया। आगे तीसरी घटना में 16 वर्षीय किशोरी 30 वर्षीय युवक से प्रेम कर बैठी और युवक से शादी के सपने देखने लगी।लेकिन युवक उसका लगातार बलात्कार करता रहा और परिणाम यह रहा कि किशोरी गर्भवती हो गयी। ये तीनो घटनाएं यह साबित करती है कि प्यार एक खेल बनकर रह गया है। प्रेम जैसा पवित्र रिश्ता हवस का शिकार हो रहा है और पश्चिमी सभ्यता की ओर तेज़ी से बढ़ती मानसिकता किशोरावस्था में ही बड़ी बड़ी गलतियां करवा रही है।जब 8 माह कि बच्ची से बलात्कार होने लगा है तो क्यों नही ये बेवकूफ़िया बंद होती,क्यों नही ये प्यार का हवसी खेल बंद होता और क्यों नही ये नादानी नष्ट होती। आखिर क्यों ये प्यार का परवान बलात्कार तक पहुचता है और भारत देश को रेप के ग्राफ में ऊँचा उठाता है बल्कि ये देश संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक होना चाहिए और आज ये ऐसा देश बन गया जहाँ 8 माह की मासूम बच्ची का बलात्कार हो गया। उस बच्ची को खून से लथपथ पड़े जिसने देखा उसकी चीत्कार निकल गयी तो क्यों नही ये सब बंद होता। क्या ये सब घटनाये उन लड़कियों का दिल नही दहलाती जो किसी अनजान के सामने नग्न होने से शर्म नही खाती,किसी अनजान की चाह में अपने माँ बाप को छोड़ कर घर से भागी और अपने से दुगने उम्र के व्यक्ति से शादी के सपने देखती। आज 16 वर्ष कि लड़की अपनी पढाई पर ध्यान न देकर शादी करने और गृहस्थी सजाने के सपने देख अपनी देह किसी को भी सौंप सकती है तो इसे उसकी नासमझी या नादानी क्यों समझा जाना चाहिए। यदि बलात्कार करने वाले को जेल भेज जाता है तो इन नादान लड़कियों को भी सुधार गृह भेज जाना चाहिए ।रही बात वेलिंटाइन डे कि तो वो इसीलिए बनाया गया था क्योकि प्रेम एक पवित्र भाव होता है जो प्रत्येक इंसान के जीवन में खुशियाँ लेकर आता है।लेकिन अब इस प्रेम दिवस की भी युवाओ ने धच्चियां उड़ा दी है।वॅलिंटाइन डे के नाम पर भद्दे और अश्लील जोक बनाये जा रहे है और यह जताया जाने लगा है कि ये दिन हवस का दिन है। हाय मेरा भारत देश!! प्रेम को हवस का नाम देकर उस पवित्र भाव को इन लोगो ने निचोड़ के रख दिया और प्रेम का अस्तित्व ही बदल दिया।
- शिवांगी पुरोहित
logo ko aisi ghatnao pr ghor dena chahiye
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ReplyDeleteBilkul
ReplyDeleteEk dam sahi kha
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