काम धंधे का सवाल.. बहुत ही बुरा है हाल

हम हैं भारत का युवा वर्ग। हमारे पास इंजीनियर कम्प्यूटर वाणिज्य मैनेजमेंट आर्ट्स आदि सभी डिग्रीया है। लेकिन हमारी ये योग्यता की पोथी फाइलो में बंद पड़ी है। ये बड़ी बड़ी डिग्रीयां लेकर भी हम आज प्राइवेट स्कूलो में ब्लैकबोर्ड पर चॉक घिसने पर मजबूर है जहाँ हमारी मेहनत के बदले दो चार हज़ार रूपये पकड़ा दिए जाते है। क्या आज की दुनिया में चार हज़ार रूपये वेतन पाने वाला शिक्षक अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताओ को पूरा कर सकता है?देश में लाखों युवा ऐसे हैं, जिन्हें रोजगार कार्यालय में पंजीकरण के बाद भी नौकरी नहीं मिलती। इधर रोजगार कार्यालयों की हालत भी खराब होती जा रही है। कहीं स्टाफ की कमी है तो कहीं साधन-सुविधाओं के अभाव में काम नहीं हो रहा।वैसे भी आज के पढे लिखे युवा राजनेतिक एवम् सामाजिक मुद्दों पर दंगा मचाने का काम करने लगे है। चाहे हिन्दू मुस्लिम की लड़ाई को या किसान आंदोलन। हमारे देश के युवा अपना हुनर सड़को पर दिखाने निकल पड़ते है। यदि इनके पास कोई काम होता तो उन्हें काम की चिंता होती न की दंगा मचाने की। तो हालात कुछ ऐसे हो गए है की आज की शिक्षा प्रणाली पढ़े लिखे बेरोजगार पैदा कर रही है। उच्चतर शिक्षा व्यवस्था के मामले में अमरीका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर भारत का नाम आता है। लेकिन जहाँ तक गुणवत्ता की बात है दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है। भारत में उच्च शिक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों का अनुपात दुनिया में सबसे कम यानि 11 फीसदी है। हाल ही में एक शोध के अनुसार इंजीनियरिंग में डिग्री ले चुके चार में से एक भारतीय छात्र ही नौकरी पाने के योग्य हैं. (पर्सपेक्टिव 2020) भारत के पास दुनिया की सबसे बड़े तकनीकी और वैज्ञानिक मानव शक्ति का ज़ख़ीरा है इस दावे की यहीं हवा निकल जाती है।राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद का शोध बताता है कि भारत के 90 फ़ीसदी कॉलेजों और 70 फ़ीसदी विश्वविद्यालयों का स्तर बहुत कमज़ोर है।आईआईटी मुंबई जैसे शिक्षण संस्थान भी वैश्विक स्तर पर जगह नहीं बना पाते।साथ ही साथ सिम्बोसिस और एम्स जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संसथान भी 200 की लिस्ट से काफी दूर है। भारतीय शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की कमी का आलम ये है कि प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में भी 15 से 25 फ़ीसदी शिक्षकों की कमी है। लेकिन फिर भी इन पदों को भरने के लिए हमारे बेरोजगार पीएचडी धारी युवाओं को नौकरी ही नही मिलती। सरकारी स्कूलो के हालात कुछ ऐसे है की प्राथमिक शालाओ में साल भर 4 से 5 कक्षाये एक साथ लगती है और पढ़ाने वाला शिक्षक केवल एक होता है।सरकार स्कूल तो खुलवा देती है लेकिन शिक्षक नियुक्त करने में कंजूसी करती है और यहां हजारो युवा डी एड बी एड और न जाने क्या क्या डिग्रियां लिए बैठे है की कभी तो भर्ती निकलेगी। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने हाल ही में रोजगार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें बताया गया है कि भारत में बेरोजगारी का स्तर पिछले साल की तुलना में इस साल एक स्तर ऊपर बढ़ गया है।
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने हाल ही में रोजगार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. जिसमें बताया गया है कि भारत में बेरोजगारी का स्तर पिछले साल की तुलना में इस साल एक स्तर ऊपर बढ़ गया है।रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में भारत में 1 करोड़ 83 लाख लोग बेरोजगार थे। अब यानी साल 2018 में बेरोजगार लोगों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ 86 लाख हो गई है। भारत रोजगार 2016 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल 11 करोड़ 70 लाख बेरोजगार थे। जिसमें से 1 करोड़ 30 लाख खुले तौर पर, 5 करोड़ 20 लाख प्रच्छन्न बेरोजगारी और वहीं 5 करोड़ 20 लाख महिलायें शामिल थीं। मतलब भारत में 1.3 बिलियन कुल आबादी में से 11 करोड़ 70 लाख लोगों को आज भी नौकरी नहीं मिली है। अगर श्रम ब्यूरो की रिपोर्ट देखी जाए तो आंकड़ों के अनुसार भारत दुनिया के सबसे ज्यादा बेरोजगारों का देश बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत की 11 फीसदी आबादी लगभग 12 करोड़ लोग बेराजगार हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र श्रम संगठन की रिपोर्ट में बताया गया था कि साल 2018 में भारत में बेरोजगारी का स्तर बढ़ सकता है जैसा कि आज हम देख ही रहे हैं और बदले में हमे पकोड़े बेचने की सलाह पहले ही दी जा चुकी है। साल 2017 के शुरुआती 4 महीनों को लेकर CMIE (Centre For Monitoring Indian Economy Pvt Ltd) ने सर्वे किया था जिसमें पाया गया था कि जनवरी से अप्रैल के बीच में करीबन 15 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई है और बेरोजगारी का स्तर बढ़ा है। केंद्र सरकार ने पिछले चार साल के दौरान रोजगार बढ़ाने के नाम पर विदेशी विनिवेश की सीमा बढ़ा तो दी है, लेकिन उस रफ्तार से रोजगार का सृजन नहीं हो पाया। । मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप योजनाएं जोर-शोर से शुरू की गईं, विज्ञापनों पर भारी-भरकम खर्च किया गया, लेकिन इन तमाम योजनाओं का युवा बेरोजगारों को कोई लाभ मिल भी रहा है या नही ये समझ से परे है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज और सीएमआईई की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में बेरोजगारी का औसत बढ़कर 6.23% हो गया है। ग्रामीण भागों में बेगारी की दर जहां 5.95% है, वहीं शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी का औसत 6.76% दर्ज हुआ है। रिपोर्ट में यह आंकड़े 23 मार्च 2018 तक के हैं। बता दें कि साल 2015 में बेरोजगारी का औसत जहां 3.49% था, वहीं साल 2016 में यह घटकर 3.46% रह गया था। नोटबंदी लागू होने और जीएसटी लागू किए जाने के बाद से देश में बेरोजगारी की दर में अप्रत्याशित तौर पर बढ़ोतरी हुई है। भारत में हर साल 1.2 करोड़ लोग रोजगार पाने की कतार में जुड़ रहे हैं, लेकिन रोजगार का औसत लगातार घटता जा रहा है। बेरोजगारी कई बार आत्महत्या का भी कारण बनती है। अखबरो को खंगालें तो ऐसे कई केस मिलते है जिनमे नौकरी न मिलने से निराश युवा अपनी जान दे देता है। दूसरी तरफ शिक्षित बेरोजगारी का एक मुख्य कारण आरक्षण व्यवस्था भी है। आज परिस्थिति कुछ ऐसी हो गयी है की आरक्षण की आड़ में अयोग्यो का शासन बढ़ता जा रहा है।यदि बात केवल शिक्षा के क्षेत्र की करें तो लाखो विद्यार्थी ऐसे होते है जो सामान्य वर्ग से उच्चतम अंक प्राप्त करते है लेकिन कम अंक वाले आरक्षण प्राप्त विद्यार्थी से पीछे रह जाते है।यदि सरकार जाति के हिसाब से आरक्षण न देकर आर्थिक स्थिति के हिसाब से आरक्षण दे तो भारत में पढ़े लिखे बेरोजगारो की मात्रा में निश्चित ही कमी आ जायेगी। आज देश का पढ़ा लिखा युवा अपनी योग्यता की पोथी लेकर गली गली घूम रहा है इस आस में की कोई उसे उसकी योग्यता के अनुसार नोकरी दे।अब हालात कुछ ऐसे बने हुए है की पढ़े लिखे लोगो को अपनी योग्यता के अनुरूप काम नही मिल रहा है और कई लोग निर्धनता के कारण मजदूरी की दर पर कार्य करने के लिए मज़बूर है। मतलब ये निकलता है कि -"शिक्षा पैदा कर रही शिक्षित बेरोजगार, चपरासी पद के लिए भरी मारामार"। वर्तमान में शिक्षित बेरोजगार दिन ब दिन बढ़ते जा रहे है। जो बेहद संवेदनशील विषय है। सरकार को स्कीमों और घोषणाओं को सिर्फ पाठ्यक्रम में शामिल करने के अलावा उनको सही परिणाम देने की तरफ ध्यान देना चाहिए।

- शिवांगी पुरोहित

Comments

  1. Harrah's Philadelphia - CasinoCyclopedia
    Harrah's Philadelphia. Chester, PA. 정읍 출장안마 1 CasinoCyclopedia. 밀양 출장안마 Map. Map, 포천 출장안마 CasinoCyclopedia Address, 777 경기도 출장마사지 Casino 동해 출장마사지 Center Dr, Chester, PA 18702.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

वृद्धाश्रम की आवश्यकता क्यों??

my 1st blog

माय लाइफ माय चॉइस