हरिजन एक्ट के लिए इंसानियत बेच दी
आप तब तक नही समझोगे जब तक आपके परिजनो को जबरदस्ती झूठे केस में फंसाया जायेगा और बिना जांच पड़ताल के थाने में धर लिए जायेंगे।मारेंगे पीटेंगे लेकिन बहुत देर हो चुकी होगी जब तक ये पता चलेगा कि वे निर्दोष थे।तब तक तो उनकी इज़्ज़त और शारीर का फालूदा बन चूका होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कोई आपसे अधिकार नही छीना था।बस तत्काल गिरफ़्तारी पर रोक लगाई थी कि कोई निर्दोष बिना अपराध सिद्ध हुए गिरफ्तार न किया जाए। लेकिन यहाँ तो सरकार ही भेद्भाव पर उतारु है। सुनने वाला कोई नही है। शायद आपने विष्णु और उसके परिवार के बारे में नहीं सुना होगा क्योंकि ऐसी बातें वायरल नहीं होती जो किसी कानून विशेष के दुरुपयोग को बताए। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के इगलास हस्तपुर का एक दलित इस एक्ट का लाभ लेकर अब तक कई लाख रुपये मुआवजा वसूल चुका है। पुलिस को यह पता चला कि sc st एक्ट के मुकदमे दर्ज कराकर मुआवजा कमाना विष्णु और उसके परिवार वालों का पेशा बन गया है। अब तक 10 मुकदमे दर्ज करा कर लगभग 3,06,000 रुपये वसूल चुका है।इनके परिवार के हर सदस्य ने किसी न किसी पर मुकदमा दर्ज करवाया और हरिजन एक्ट के तहत मुआवजा कमाया।
राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में एक समुदाय के लोगों को कुछ विशेष छूट दिए जा रही है। जो कि हरिजन एक्ट के दुरुपयोग को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो रही है। इन सभी घटनाओं को देखने पर यह पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट का हरिजन एक्ट पर तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाना लाजमी था। जिस प्रकार दहेज उत्पीड़न के मामले में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक सभी को मंजूर है तो हरिजन एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए। हरिजन और महिलाएं दोनों दलित है अर्थात शोषित है। जिस प्रकार दहेज के झूठे केस लगाए जाते हैं वैसे ही हरिजन एक्ट के तहत भी झूठे केस किए जाते है।अब हरिजन एक्ट को मुद्दा बनाकर कई संगठन चुनाव कूद रहे है अब देखना ये है कि ये चिल्लर पार्टी इतने दिग्गजो के सामने कैसे मुह की खाते है। क्योकि इंकि तरफ से जूता ओर पत्थर फेकने जैसी बचकानी हरकते शुरु हो चुकी है।
- शिवांगी पुरोहित
Yahi to durbhagya hai...bt itna asan bhi nahi rajneeti ko dusri disha dena
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